Saturday 29 July 2017

ऐ खुदा

ऐ खुदा,
तुझ में है सारी शक्तियाँ,
तू है सबसे बड़ा,
सबसे अलग है तेरी दिशा |

तूने सभी को बनाया,
सभी को दी खूबियाँ,
सब ने लिखी अपने लिए,
विभिन्न कहानियाँ |

काश तुझे महसूस कर पाते,
काश हम हर घड़ी को आज़मा पाते,
तूने सभी को कुछ-न-कुछ दिया है,
काश अपनी तकदीरों को बनते देख पाते |

हर मनुष्य यहाँ,
बैठा है भूखा-प्यासा,
सोच में है डूबा,
किस धंधे में लिखी है जन्नत, क्या पता?

 कितने अरमान लगाए बैठता है,
कितने सपने सजाए बैठता है,
कभी कामयाबी लगती है पास,
और कभी, लगता है कि कब लेंगे हम अपनी आखिरी साँस |

जीवन में कुछ पाने  कुछ खोना पड़ता है,
यह सब सिखाते हैं,
मगर कुछ खोई हुई ख़ुशी लौटाने के लिए जो दर्द हमें सहना पड़ता है,
उस दर्द को कोई नहीं समझता है |

आज, तेरे चौखट पर,
खड़ी हूँ मैं, निराश हो कर,
क्या कभी मैंने किसी से छीना है उसका सुख-चैन?,
इस सवाल का जवाब पाने के लिए हूँ बेचैन |

क्या खोया था कोई मेरे कारण?,
किस बात के लिए मुझसे  छीना जा रहा है मेरे सपनों का घर ?
क्या मैंने किसी को बेघर किया था?
या किसी का सर काट दिया था?

मेरे मन में उठ रहे हैं सवाल हज़ारों,
मगर इनका जवाब तेरे ही पास है,
किस हक़ से जीयूं यह जीवन,
कब खत्मं होगा यह अकेलापन?

कब तक लड़ती रहूँगी ऐसे ही?
अपना हक़ पाने के लिए?,
कोई तो हल होगा इस का?
क्यों अपनों को इतना तड़पाना?

मेरे आखिरी शब्द भी यह ही होंगे,
कि कब मेरे सपने साकार होंगे?
कब आएगा मेरी  ज़िन्दगी में परिवर्तन?
कब दूर  होगा मेरे सपनों के बीच आने वाला अड़चन?

No comments:

Post a Comment