Tuesday 9 August 2016

Jawaani (Gaana)

यह जवानी, हाए ,
है बड़ी शैतान,
चढ़ती जाए बिन रुके,
न सोचे क्या कहेगा जहान।

करता जाए हर वक्त,
मनमर्ज़ियाँ,
न होने दे यह शांत,
मिले इस से फुर्सत कहाँ ?

दिखाए यह रंग अपने,
जब संग हो यार,
इसी उम्र में होता है,
धोखा, आकर्षण, और प्यार।

है जहाँ जश्न,
वहीं मिलते हैं सब,
यह जिगर अपना बेसब्री से,
खोजता रहता है रब।

रब मिलता है उसे,
दूसरों के दिलों में,
उसे प्यार होता है जब,
मिलता है एक हज़ारों में।

यह जवानी, हाए,
है बड़ी शैतान,
चढ़ती जाए बिन रुके,
न सोचे क्या कहेगा जहान।

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