Tuesday 28 June 2016

Main Ek Musaafir Hoon (Song)

मैं एक मुसाफिर हूँ,
मुझे चलते जाना है।
मेरा कोई साथी नहीं ,
मुझे यूँ ही रहना है।

देखे मैंने है कई मोड़,
मुझे गिरा न सका कोई।
मुझे है विश्वास  खुद पे,
न मिटा है यह कभी ।

जाता जहाँ,
हर रसता ,
मैं भी कदमों-तले,
चलने लगा।

मुझे न मिला,
सहारा कोई,
मैं तो मंज़िल की ओर,
बढ़ता चला यूँ ही ।

कोई न कर पाया,
मैंने है जो किया।
मुझे समझ न सका कोई,
मैं तो अपने मन की ही करता चला।

मैं एक मुसाफिर हूँ ,
मुझे चलते जाना है।
मेरा कोई साथी नहीं,
मुझे यूँ ही रहना है। 


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